Rekha mishra

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लेखनी कहानी -18-Jan-2022

      वो  मौसम सुहाना सा 

वो मौसम सुहाना सा 

ये दिल भी बेगाना सा। 

उस पर तेरा साथ था         

कर देता था जो कर देता 

था दीवाना सा। 

जब होश में रहकर भी 

हम नशे में रहते थे 

वो दिन ही था कुछ 

अनजाना सा। 

वो लौट कर ना आया 

लगा तू उसे भी अपने 

साथ ले गया, 

जैसे बारिश का पानी 

बादल अपने साथ ले गया। 

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3 Comments

Rekha mishra

18-Jan-2022 07:29 PM

😊

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Swati chourasia

18-Jan-2022 04:55 PM

Very nice 👌

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Rashmi Pandey

18-Jan-2022 04:42 PM

बहुत खूब

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